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मेरे दो-चार ख्वाब हैं जिन्हें मैं आसमा से दूर चाहत

मेरे दो-चार ख्वाब हैं जिन्हें मैं आसमा से दूर चाहता हूँ,
जिंदगी चाहे गुमनाम हो मेरी,
लेकिन मैं मौत मशहूर चाहता हूँ ।

©प्रभाकर अजय शिवा सेन
  मेरे दो-चार ख्वाब हैं।

मेरे दो-चार ख्वाब हैं। #Shayari

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