"फिर लौट जाएँगे हम" तुमने तो कुछ भी बाकी नहीं छोड़ा , अब कैसे उम्मीद-ए-चिराग़ जलाएँगे हम! ना जाने कैसे ढूढेंगें तुम्हे, जब शहर तुम्हारे, मिलने आएँगे हम! जानता हूँ सब करेंगें आनाकानी, जिससे भी पूछने हाल तुम्हारा जाएँगे हम! तुमने कह के रखा है सबको मेरे बारे में, कोई नहीं देगा तुम्हारा पता,जिससे भी पूछने जाएँगे हम! अज़नबी लोग , अन्ज़ान शहर, कहीं भटक तो नहीं जाएंगे हम! तुम्हारी रुसवाई से दिल टूटा है उम्मीद नहीं, तुम कहीं भी रहो, तुम तक पहुँच ही जाएँगे हम! देखकर तुमको मिलती है खुशी, बस तुम्हारी एक झलक ही पाने आएँगे हम! डरना मत हमें मोहब्बत है तुमसे कोई उम्मीद नहीं, तुमसे एक दफा मिलकर फिर लौट जाएँगे हम! #Panchi 💔🙄✍️🙏