धीरे-धीरे ये पल यूँही गुजर जाएँगे कुछ पलों मे हम तुमसे बिछड़ जाएँगे है जो तेरे चेहरे पर ये चमक और होंठो पर मुस्काराहठे, हो जाएँगे खामोश ये लब और चेहरे उतर जाएँगे सताया ना करो मुझे इतना के हम तुमसे दूर चले जाएँगे उलझाए रहना फिर खुद को दिन के उजालो मगर, रात के ख़्वाबों मे हम तुमको नजर जाएँगे ना करना फिर मुझे छूने की कोशिशें वरना तेरे आखो के मोती तेरी पलको पर बिख़र जाएँगे चाह कर भी फिर ना कर पाओगे मुझे हासिल जब तेरे जहां से हम दूर बहुत दूर निकल जाएँगे ^^~अफरोज़ अलाम~^^ #एहसाह#💔💔