।। रूप दुर्गा ।। वक़्त है दुर्गा का काली का छोड़ अब सौम्य, सुशील रूप नारी का भवानी है तू भौयें अब तान ले शीश अलग होगा उनका मन मे ये ठान ले कब तक न्याय ख़ातिर दुजे पर निर्भर रहेगी आँख की ये पट्टी हटेगी,तराजू की जगह इन हाथों में अब तलवार रहेगी दण्ड का वो रूप हो शक्ति को आज, जाये भाँप दुबारा ऐसे ग़ुनाह से पहले रूह उनकी अंदर तक जाये काँप @विकास ©Vikas sharma #raindrops रूप दुर्गा