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जमाने भर को आजमा के देखा न मिला हम दिल मंजिल भी कह

जमाने भर को आजमा के देखा
न मिला हम दिल मंजिल भी कहीं खो गयी।
खुद को समेटा और फिर आईना देखा
उसी दिन उसमें दिखते चहरे से मुहब्बत हो गयी।।

©Dr Navneet Sharma #Anger
जमाने भर को आजमा के देखा
न मिला हम दिल मंजिल भी कहीं खो गयी।
खुद को समेटा और फिर आईना देखा
उसी दिन उसमें दिखते चहरे से मुहब्बत हो गयी।।

©Dr Navneet Sharma #Anger