मैं तुम्हारी आँखों का तारा हूँ ये तेरी चाहत है, मैं अगर सारे जग से प्यारा हूँ ये तेरी इनायत है, मेरे दिल की हर धड़कनों पर सिर्फ तेरा नाम है, ख़ुदा मेरे नसीब को संवारा है ये तेरी इबादत है, मेरी संग-ए-मलामत तू सुन नहीं सकती कभी, ख़ुदा ने तुझे अता फरमाया जो तेरी सिफ़त है, किसी और का नाम मेरी जुबां पर हो ख़ुदा ना करे, दम निकलने तक तुम्हें चाहूंँगा ये मेरी मोहब्बत है। संग-ए-मलामत -- निंदा सिफ़त -- गुण, लक्षण The Writer Junction आप कवियों कवयित्रियों का इस प्रतियोगिता में स्वागत करता है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। #yqdidi #yqbaba #yqyourquoteandmine #thewriterjunction #तेरीचाहतtwj 👉 आपकी रचना मौलिक होनी चाहिये। 👉 समय सीमा - 17 जुलाई 2020 शाम 10:30 तक