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चाहकर भी कोई, किसी से जोड़ नहीं सकता। चाहकर भी कोई

चाहकर भी कोई,
किसी से जोड़ नहीं सकता।
चाहकर भी कोई,
किसी से तोड़ नहीं सकता।
वफ़ा की खुशबू की
अलग पहचान है मेरी सांसों को!
आंखों पर भरोसा
मुश्किल से भी कर नहीं सकता!
आंखें देखने की चीज़ है
तजूर्वा दिमाग़ से ज़्यादा
दिल परखने की है।

©#suman singh rajpoot
  #LifeCalculator चाहकर भी कोई,
किसी से जोड़ नहीं सकता।
चाहकर भी कोई,
किसी से तोड़ नहीं सकता।
वफ़ा की खुशबू की
अलग पहचान है मेरी सांसों को!
आंखों पर भरोसा
मुश्किल से भी कर नहीं सकता!

#LifeCalculator चाहकर भी कोई, किसी से जोड़ नहीं सकता। चाहकर भी कोई, किसी से तोड़ नहीं सकता। वफ़ा की खुशबू की अलग पहचान है मेरी सांसों को! आंखों पर भरोसा मुश्किल से भी कर नहीं सकता! #Thoughts

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