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कभी खोये.. कभी मुलाकात नहीं... फिर भी बैचेन में इत

कभी खोये.. कभी मुलाकात नहीं...
फिर भी बैचेन में इतने ख्यालात क्यों है?
अजनबी से इतने सवालात क्यों है?
वक्त-बेवक्त बतियाते आपकी गुफ्तगू में..
फिर भी बेपनाह जिंदगी हवालात क्यों है!!?

©Audy Cloudy
  चंद्रवीर गर्ग आबदार

चंद्रवीर गर्ग आबदार #शायरी

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