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अंतस में जब कुछ धड़के, तो मैं हूँ। होठों पे जब कुछ

अंतस में जब कुछ धड़के, तो मैं हूँ।
होठों पे जब कुछ फड़के, तो मैं हूँ।

जीने का उल्लास खिले, तो मैं हूँ।
संध्या सा नैराश्य दिखे, तो मैं हूँ।
जीने का वरदान मिले, तो मैं हूँ।
मरने का अधिकार मिले, तो मैं हूँ।

फूलों का सम्मान मिले, तो मैं हूँ।
कांटों सा अपमान मिले, तो मैं हूँ।
दुनिया तेरे साथ चले, तो मैं हूँ।
कोई न हो साथ तेरे, तो मैं हूँ।

अविरल सुख की धार बहे, तो मैं हूँ।
मरु स्थल सी खाक उड़े, तो मैं हूँ।
अंतस में जब कुछ धड़के, तो मैं हूँ।
होठों पे जब कुछ फड़के, तो मैं हूँ।

©purvarth # तो मैं हु
#Heartbeat
अंतस में जब कुछ धड़के, तो मैं हूँ।
होठों पे जब कुछ फड़के, तो मैं हूँ।

जीने का उल्लास खिले, तो मैं हूँ।
संध्या सा नैराश्य दिखे, तो मैं हूँ।
जीने का वरदान मिले, तो मैं हूँ।
मरने का अधिकार मिले, तो मैं हूँ।

फूलों का सम्मान मिले, तो मैं हूँ।
कांटों सा अपमान मिले, तो मैं हूँ।
दुनिया तेरे साथ चले, तो मैं हूँ।
कोई न हो साथ तेरे, तो मैं हूँ।

अविरल सुख की धार बहे, तो मैं हूँ।
मरु स्थल सी खाक उड़े, तो मैं हूँ।
अंतस में जब कुछ धड़के, तो मैं हूँ।
होठों पे जब कुछ फड़के, तो मैं हूँ।

©purvarth # तो मैं हु
#Heartbeat