कुछ पंद्रह दिन गुजरने को है और माह-ए-अगस्त है आन प

कुछ पंद्रह दिन गुजरने को है
और माह-ए-अगस्त है आन पहुंचा
तो बात "आजादी" की आई है
चले भी गए थे जो पलड़े झाड़ कर
तब सारे नेहरू गांधी मौन रहे..
अब "बटवारे" की विरह कौन कहे ...

- गीतेय...

©rritesh209
  #आजादी_का_अमृत_महोत्सव
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