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rritesh2092236
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गीतेय...

जो देखा, समझा, सोचा उसे बस कलम से उकेर दिया

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गीतेय...

White 
छाती चौड़ी तान कर सीना
जमाने से आंख मिला कर चलना 
विपदा से कभी न घबराना
ये सारे गूढ़ ज्ञान देते देते 
मेरी नैय्या खेते खेते
मेरी कुशल कामना को
दर ओ दरगाह पर झुकते झुकते
कमर को तेरी झुकते देखा है

और तेरी छाती का सींचा भींचा
अब मैं मन का मौजी होता हूं
जो जी आता करता रहता 
तुम भी ना अब टोका रोका करती हो
पर याद मुझे है बताया था तूने 
की अब एक टीस रहती है छाती में
पता नहीं कितने जमाने से
कलेजे पर कितने पत्थर रख रखी हो

बहोत दिनों से दौड़ दौड़ कर
मां अब थका हुआ सा लगता है
मुझे अब फिर से राजा बेटा होना है
बिस्तर मार मखमल सा मलमल 
पर मां मुझे थोड़ी देर तेरी गोद में सोना है
तुम्ही दुनिया और तेरी आंचल में ही
सारी दुनिया का कोना है
इसी में बंधी कोई गांठ में
मेरी खुशियों का सोना है
मां मुझे अब थोड़ी देर तेरी गोद में सोना है

©गीतेय... #mothers_day
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गीतेय...

White देकर मुझको दो अठन्नी
निहारती मन भर मेरी मुस्कान चवन्नी
ले आता मैं फिर चूरन की गोली
पूछती तुम की अब तो तृप्त तेरी आत्मा हो ली
अब एक रोटी भी खा ले रे़

रुको मैं खुद तुझे खिलाती हूं
तोता मैना गईया बछिया
ये सब भी दिखलाती हूं
दिन भर मैं फिर भाग दौड़ कर
कितना तुझे सताता था
और नहीं तो पाव भर मैं
दिन भर में रक्त जलाता था

अब बैठ अकेला नितांत कभी मैं
चुपचाप ये सोचा करता हूं
देख वक्त की बदलती करवटें
गिर गिर कर खुद सम्हलता हूं
समय बदला और वाक्य बदले 
पहले कहती थी "दस बज गया सो जाओ"
फिर हुआ कहना "दस बजते घर आ जाना"
अब तो बस इतना कहते सुन पता हूं
"दस बज गया अब तक फोन नही किया"
अब तो कुछ इसी तरह से
दस बजते बजते दस साल हुए

to be continued...

©गीतेय... #mothers_day
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गीतेय...

White ये आधी रात की हिचकियां
तकिए तले दबी सिसकियां
सुनी रहती है अब खिड़कियां
थिरकती पलकों पे आंसू की किलकियां

होश कहां बदन तले बिस्तर का अब
खाली पाया बाहें करवट बदला जब
सिलवटे नहीं चादर में अब तुम्हारी
देखो ना लगे तेरी ये अदा भी कितनी प्यारी

©गीतेय... #Sad_Status
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गीतेय...

White हमारी सफलता तो तुक्को से बनी है
जिसे चाह लिया उसमे अनुतीर्ण ही रहें

©गीतेय...
  #alone
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गीतेय...

White सुरसा सी हुई भक्ति राम की
लोगों की लोकेशना उधियाई रे!
एक चार बढ़े दूजा चौसठ जोजन
कोई दो तलवार भांजे तो अगला दूना
फिर आठ के बदले बांधे अट्ठासी बाजे
भीतर का भाव बाजे ठन ठन गोपाल रे!
चारो चौराहे पर गूंजा अट्टहास रे!
भाव की भीनी, भक्ति की विनम्रता
नजर न कहीं आय रे!

कौन समझा है यहां की
 क्षमा शोभती उसी भुजंग को जिसके पास गरल हो 
भीतर समृद्ध पर बाहर मृदु भाव सरल हो 
पर भुजंग जब भांग पीकर
भांगड़ा मचाए रे! 
फिर धर्म कहीं,छोड़ कर्म यहीं
धर्मिष्ठता दिखलाए रे!

©गीतेय... #ramnavmi
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गीतेय...

White The rude me 
The nude me
when there is 
nothing to hide
by my side
it's only disgust
to express disguise
go on hard lines
construct harder 
"boundaries"
that's the real me
the nude me
the rude me

©गीतेय...
  #SAD #Nude #rude
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गीतेय...

White तुम्हारे मुस्कुराने भर से ईद हो जाती थी मेरी 
इक तुम्ही खुद को चांद नहीं मानती...
आसमानों में तो इक टुकड़ा है तेरा..
तुम अभी मेरा आसमां नहीं जानती.

©गीतेय... #eidmubarak
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गीतेय...

तुम्हारे हिस्से की अपनी शामें बेच दी मैंने 
और सुबह के कुछ ख्वाब खरीदे हैं..
अब कहीं तो तकरीर जारी रहे...

©गीतेय... #boatclub
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गीतेय...

महफ़िल-ए-दौर की हरारत नहीं कामिल गीतेय
बस उठ कर चल देना ही मुनासिब मुझे
अब लोग रुढ़ी समझे तो यही सही...
सिगरेट है,राख है, धुआं है शामिल
जब कोई नही तो यही सही...

©गीतेय... #retro
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गीतेय...

बालक गौलक और होलक की
 होलिका भवानी हो रक्षिणा
दक्खिन चीर हो पालक
वित्ततः माम् अक्षिण्णा
नरसिंह वधे हिरण्य
हरियर रहे अरण्य
नववर्ष से यही कामना

कामदहन फिर करे भोले
सती हो फिर रती डोले
कामजनक ऐसे हुए कृष्णा
प्रद्युम्न रूप में बची तृष्णा
वेद ,पुराण और कान्हा शिव
तीनों की यह तीन कहानी
यूं थोड़ी और होली जानी

©गीतेय... #Holi
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