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तू ढूंढ रहा था फलक पर बाग कोई गुलज़ार अपना तो अक़ी

तू ढूंढ रहा था फलक पर बाग कोई गुलज़ार
अपना तो अक़ीदा था वतन कि जमीं पर

क्योंकि जिस ख़ाक़ पे दो दिल प्यार करें
उस जमीं की ख़ाक़ भी जन्नत हुआ करती है #ज़मीं #Love #jannat #khaq #mohabbat #Nojotoshayari
तू ढूंढ रहा था फलक पर बाग कोई गुलज़ार
अपना तो अक़ीदा था वतन कि जमीं पर

क्योंकि जिस ख़ाक़ पे दो दिल प्यार करें
उस जमीं की ख़ाक़ भी जन्नत हुआ करती है #ज़मीं #Love #jannat #khaq #mohabbat #Nojotoshayari