जीवन डायरी (शबक) दोस्ती भी ना जाने कैसा रिश्ता है, ज़िन्दगी निकल जाने पर भी समझ नहीं आती, कब पलट जाए दोस्त और दुश्मन भी ना लगे, दोस्तीके माइने भी छोड़ वो अपना हिस्सा बन जाए, माँ-बाप सब छूटे पर इससे रिस्ता न टूटे, दोस्ती भी ना जाने कैसा रिश्ता है। #दोस्ती #yourquotebaba #yourquotedidi #yourheart #feelings #life