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मंज़िल की बातें रहने दो राहों को खुल कर जीते हैं न

मंज़िल की बातें रहने दो 
राहों को खुल कर जीते हैं ना 
कल क्या हो किसने जाना 
आज एक दूजे में खो जाते हैं ना Pratik Pandey mr.kanpur_ Ravi Khorwal  anddy dubey Sumit alone
मंज़िल की बातें रहने दो 
राहों को खुल कर जीते हैं ना 
कल क्या हो किसने जाना 
आज एक दूजे में खो जाते हैं ना Pratik Pandey mr.kanpur_ Ravi Khorwal  anddy dubey Sumit alone
muskanjain4983

Muskan Jain

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