सरिता यौवन की दहलीज पर कदम रखते ही, पूरे उफान के साथ उमड़ती हुई,, प्रचंड धारा प्रवाह से तटस्य, सीमाओ का आलिंगन कर,, मिलन के लिए आमंत्रित करती। पूर्ण वेग से उन्मादित होकर, सम्पूर्ण धरा को आगोश में लेने को आतुर। वृक्षो को!मोहक चेष्टा से अभिभूत कर, उसके विद्यमानता का क्षरण करती,, हिलोरे मारती विप्लव मचा रही है! उद्वेलित वीक्ष्य दृश्य से शैल उदिग्न्य किन्तु उत्कंठित हैं। रसिको की भांति सागर,"सरिता" के परिरंभण को प्रतीक्षित है। #cinemagraph सरिता यौवन की दहलीज पर कदम रखते ही, पूरे उफान के साथ उमड़ती हुई,, प्रचंड धारा प्रवाह से तटस्य सीमाओ का आलिंगन कर, मिलन के लिए आमंत्रित करती। पूर्ण वेग से उन्मादित होकर,