मेरे बारे मे पूछना है तो उसकी दहलीज की मिट्टी से पूछियेगा, कितनी रातें मैंने उसकी चौखट पे पड़े पड़े धूल करदी. पूछना है तो उस सावन की बारिश से भी पूछ लेना,जिसने मेरी आँखों से टकराने की भूल करदी. सैलाब था मेरी इन आँखों में,बारिश की बूंदे भी मेरे आँसुयों ने फिजूल करदीं. समंदर बन गया था वो शहर उसका मेरे गम से,जिसने मोहब्बत मेरी नामंजूर करदी। #Pehli_Mulakkat Mysterious Girl. राधाकृष्णप्रिय Deepika