चल चलके चौपाटी पे चाय पीते है। चल चलके चोपाटी पे चाय पीते है। दुनिया से दूर हट के थोडा जीते है।। बैढ़ मेरी गाड़ी में चलते है वहां। दुनिया के मेले लगते है जहां।। यू शाराब अराब हम नहीं पीते हैं। चल चलके चौपाटी पे चाय पीते है। दुनिया से दूर हट के थोड़ा जीते है।। चल चलके चोपाटी पे चाय पीते है। बेढ़ के हम बहा बाते करेगे करे । छुप छुप रोज मुलाकातें करेंगे।। ©Geetkar Gauhar Ayub Etawi चौपाटी