White तरह-तरह की भाषा-बोली अलग-अनोखी संस्कृति अनेकों रंग घुले हैं जिसमें है अलग-अनूठी प्रकृति संकट कितने, इस धरा ने झेले पर रुका नहीं कारवां हमारा दिन-प्रतिदिन, नई ऊँचाई को छूता रहा, ये देश हमारा हम सब आशा इतनी करते हैं प्रभुता भारत की बनी रहे मेरा देश सदा बढ़ता रहे ये गणतंत्र दिवस अमर रहे। 🍁विकास कुमार🍁 ©Vikas Kumar Chourasia #Happy_Republic_Day