विस्मृति का प्रायश्चित (अनुशीर्षक में पढ़ें) विस्मृति का प्रायश्चित कभी-कभी, होता है कुछ ऐसा जो नहीं करना चाहते हैं हम कभी, करना पड़ता है वैसा खुद पर होते जुल्मों को