हृदय में उमंग होष्ठ कंपित मृदंग वो चंदन सुगंध मै बहका भुजंग ! चाल जैसे कुरंग केश लहराते बसंत वो आयत पावन मै फकीरा मलंग ! मस्ती जैसे मतंग चंचलता जैसे तुरंग वो खिलता मकरन्द मै वसन छिद्र पे पैबंद ! भुजंग-सर्प कुरंग- हिरणी मतंग- हाथी तुरंग- घोड़ा मकरन्द- कमल का फूल #surajaaftabi #love #yqbaba #yqdidi #poetry #life #poem #yqhindi