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आज फिर, एक दर्द का अभाश सा है। ना जाने क्यूँ, मन उ

आज फिर,
एक दर्द का अभाश सा है।
ना जाने क्यूँ, मन उदास सा है।
मिल जाए कोई, जिस से कह दूँ सब कुछ
ऐसे किसी अपने का तलाश सा है।
इस बेफिक्रे की भी, करे कोई फिकर
ऐसे दिल का आस सा है।
इक चुभन है, जैसे मानो,
कोई काँटा आस पास सा है।
भरे साहिल की तरह, पर खारे पानी से
मिल जाए एक बून्द, सादा पानी
ये कुछ ऐसा प्यास सा है।
देखते ही चेहरे को, जो कह दे
ये मुस्कुराहट तो, एक नक़ाब सा है।
महफ़िल में हो के भी, तन्हाइयों से घिरा
हर आदमी, एक लाश सा है।
और वो खेल जिसमें,
हर इक्के ने राजा को गिराया
ये ज़िन्दगी भी तो, एक ताश सा है। आज फिर,
एक दर्द का अभाश सा है।
ना जाने क्यूँ,
मन उदास सा है।
मिल जाए कोई,
जिस से कह दूँ सब कुछ,
ऐसे किसी अपने का तलाश सा है।
इस बेफिक्रे की भी,
आज फिर,
एक दर्द का अभाश सा है।
ना जाने क्यूँ, मन उदास सा है।
मिल जाए कोई, जिस से कह दूँ सब कुछ
ऐसे किसी अपने का तलाश सा है।
इस बेफिक्रे की भी, करे कोई फिकर
ऐसे दिल का आस सा है।
इक चुभन है, जैसे मानो,
कोई काँटा आस पास सा है।
भरे साहिल की तरह, पर खारे पानी से
मिल जाए एक बून्द, सादा पानी
ये कुछ ऐसा प्यास सा है।
देखते ही चेहरे को, जो कह दे
ये मुस्कुराहट तो, एक नक़ाब सा है।
महफ़िल में हो के भी, तन्हाइयों से घिरा
हर आदमी, एक लाश सा है।
और वो खेल जिसमें,
हर इक्के ने राजा को गिराया
ये ज़िन्दगी भी तो, एक ताश सा है। आज फिर,
एक दर्द का अभाश सा है।
ना जाने क्यूँ,
मन उदास सा है।
मिल जाए कोई,
जिस से कह दूँ सब कुछ,
ऐसे किसी अपने का तलाश सा है।
इस बेफिक्रे की भी,

आज फिर, एक दर्द का अभाश सा है। ना जाने क्यूँ, मन उदास सा है। मिल जाए कोई, जिस से कह दूँ सब कुछ, ऐसे किसी अपने का तलाश सा है। इस बेफिक्रे की भी, #writer #follow #instawriters #followme #yqdidi #yqlife #harshnaama #harshitkashyap