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दिल में हलचल तूने पैदा की... उध्वस्त हुआ मैं,तबाही

दिल में हलचल तूने पैदा की...
उध्वस्त हुआ मैं,तबाही तू थी।
आस थी बस तुझसे मिलने की,
मिली न तू, मुझे टालती रही।
करता क्या मैं एक लड़का बेचारा,
राह देखता रहा, फिरता मारा मारा।
खेल कैसा भी हो मैं कभी भी न हारा,
पर तेरे सामने गिरा मैं जैसे टूटता सा तारा।

©shayar_dillwala #mountain  
दिल में #हलचल तूने पैदा की...
उध्वस्त हुआ मैं,#तबाही तू थी।
आस थी बस तुझसे मिलने की,
मिली न तू, मुझे टालती रही।
करता क्या मैं एक #लड़का बेचारा,
राह देखता रहा, फिरता मारा मारा।
खेल कैसा भी हो मैं कभी भी न हारा,
दिल में हलचल तूने पैदा की...
उध्वस्त हुआ मैं,तबाही तू थी।
आस थी बस तुझसे मिलने की,
मिली न तू, मुझे टालती रही।
करता क्या मैं एक लड़का बेचारा,
राह देखता रहा, फिरता मारा मारा।
खेल कैसा भी हो मैं कभी भी न हारा,
पर तेरे सामने गिरा मैं जैसे टूटता सा तारा।

©shayar_dillwala #mountain  
दिल में #हलचल तूने पैदा की...
उध्वस्त हुआ मैं,#तबाही तू थी।
आस थी बस तुझसे मिलने की,
मिली न तू, मुझे टालती रही।
करता क्या मैं एक #लड़का बेचारा,
राह देखता रहा, फिरता मारा मारा।
खेल कैसा भी हो मैं कभी भी न हारा,