मर्ज़ी के मुताबिक मिलता नहीं कुछ भी हक़ीकत मुताबिक कोई चाहता भी नहीं इश्क में रूह का रिश्ता बाँध लिया जब दिललगी से अब कोई राबता भी नहीं चेहरे पर तो नकाब लिए फिरते हैं लोग वायदा सच का कोई माँगता भी नहीं दौड़-ए-ज़िन्दगी में खींचे जा रहे हैं सब मुलाकात खुद से पल भर की कौई चाहता भी नहीं। #मर्जी #Nojoto #poem #thought #love #truth #dillagi