शब्द दर्द भी है दवा भी है फूल में अंगार भी है इंकार भी है इकरार भी है शब्दों ने ही रिश्तो को तोड़ा शब्दों ने ही कई नातो से जोड़ा अवलोकन कर देखो शब्दों का रुख हमने कैसे मोड़ा हमारे हाथों में कलम है और शब्द हमारी ताकत है,हजारों तालियों की गड़गड़ाहट और वाह वाही के शोर से ज्यादा तसल्ली एक कवि को मिलती है जब उसके शब्द किसी की आंख से पवित्र आंसू बन बहने लगते हैं,इसलिए हमें हर एक शब्द का हिसाब रखना चाहिए! ©Sudha Tripathi J P Lodhi. Dr Priyanka Priyam Yashpal singh gusain badal' RAVISHANKAR PAL Vivek.....