जीवन जोबन राजमद, अविचल रहै न कोय । जु दिन जाय सतसंग में, जीवन का फल सोय ।। जीवन, यौवन और राज्य - संपत्ति का अहंकार आदि, कोई स्थिर नहीं रहता । जो दिन सत्संग में बीत जाए, वही जीवन का फल है । ©kishan mahant #lone