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मेरी उजडी हुई आंखों के सारे ख्वाब लौटा दों अमानत

मेरी उजडी हुई आंखों के सारे ख्वाब लौटा दों 
अमानत में ख्यानत तों जमीनें भी नहीं करती 
जरूरत एक तवायफ की तरह मुझे नचाती हैं 
मैं जितना काम करता हूं मशीने भी नहीं करती

©Ankit Upadhyay....
  #udaan #munawar Rana shahab