घर के आँगन में सिलबट्टे पे बैठ उबटन पिस्ते वक़्त
अब फिर से कभी कोईं भाभियाँ नहीं छेड़ी जायेंगी,
नन्दों को अब वो मिठी मिठी गालियाँ भी नहीं दी जायेंगी,
चलो माना, कि मिलेगा प्यार बड़े भैया का हर वक़्त तुम्हारा,
कि, देवरों का प्यार अब भाभियाँ कभी नहीं ले जायेंगी!
__प्रेम__निराला__