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पेज-10 माँ- बेटा आप सबको मेरा बहुत बहुत आशीर्वाद

पेज-10

माँ- बेटा आप सबको मेरा बहुत बहुत आशीर्वाद है.. 
पिता जी- हाँ बेटा आप सबने पहली बार में ही दिल में 
अपनी खास जगह बना ली है..अब आयेगा मानक की 
शादी में असली आनंद.. ! 
बड़ेभैया- आनंद नहीं पापा, परम आनंद..!
सभी एक साथ- जे बात.. 😂😂😂🤗🤗🤗
तभी सब घर को जाने को दरवाज़े से बाहर आने को हुये तो माँ ने 
पुष्पा जी का हाथ पकड़ लिया और भावुक होते हुये कहा-बेटा माँ
 के गले नहीं लगोगे क्या..!
इतना सुनते ही सभी भावविभोर हो गये मानो सबको एक साथ 
अपनी माँ की छवि उस माँ में दिख गई.. पुष्पा जी की आँखें भर आईं 
और वो माँ से लिपट गईं,, तब माँ ने अपनी तीन और बेटियों को भी
 अपनी ममता की गोद में समेट लिया...! 
सारा परिवार इस अंजान रिश्ते की प्रेम पराकाष्ठा से सजल हो गया..! 
कथाकार इस दृश्य को कुछ देर और देखना चाहता था किन्तु अगले
 दृश्य भी आगे प्रतीक्षा में थे सो... 

[सभी को देर हो रही थी इसलिए शॉर्टकट टर्न लिया और तेजी से घर 
को चले, तभी दिव्या ने पुष्पा दी से कहा- दी जरा उस फ्लेट में देखिये गौर से..!
पुष्पा जी- किधर..!
दिव्या- अर्रे वो पांच फ्लेट एक साथ हैं ना साधना जी वाली रो में.. 
मुझे पता नहीं क्यूँ ऐसा लगता है वो हमारी रुचिका दीदी हैं... 
देखो सुधा दी..!
सुधा-रुचिका.. 🤔 ये नाम तो मैंने अभी कभी सुना है..!
दिव्या-अरे दी आपकी पोस्ट पर उन्होंने अपना नाम नहीं बताया था..? 
सुधा-हाँ रे.. मगर वो इस कालोनी में.. कैसे... कब... !
पुष्पा जी-अर्रे पगलू, दुनिया दिन ब दिन छोटी होते जा रही है. तू तो घर 
से निकलती नहीं है तुझे क्या पता... हो ना हो.. वो रुचिका जी ही हैं..!
राखी जी- अरे हाँ रे दिव्या... ये तो वही हैं heartless rj उर्फ़ रुचिका जी.. 
वाह वाह.. हम तो सब एक ही जगह आने लगे.. हेऐ... ईई रुचिका जी..
 look here..!

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी 
पेज-10

माँ- बेटा आप सबको मेरा बहुत बहुत आशीर्वाद है.. 
पिता जी- हाँ बेटा आप सबने पहली बार में ही दिल में 
अपनी खास जगह बना ली है..अब आयेगा मानक की 
शादी में असली आनंद.. ! 
बड़ेभैया- आनंद नहीं पापा, परम आनंद..!
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माँ- बेटा आप सबको मेरा बहुत बहुत आशीर्वाद है.. 
पिता जी- हाँ बेटा आप सबने पहली बार में ही दिल में 
अपनी खास जगह बना ली है..अब आयेगा मानक की 
शादी में असली आनंद.. ! 
बड़ेभैया- आनंद नहीं पापा, परम आनंद..!
सभी एक साथ- जे बात.. 😂😂😂🤗🤗🤗
तभी सब घर को जाने को दरवाज़े से बाहर आने को हुये तो माँ ने 
पुष्पा जी का हाथ पकड़ लिया और भावुक होते हुये कहा-बेटा माँ
 के गले नहीं लगोगे क्या..!
इतना सुनते ही सभी भावविभोर हो गये मानो सबको एक साथ 
अपनी माँ की छवि उस माँ में दिख गई.. पुष्पा जी की आँखें भर आईं 
और वो माँ से लिपट गईं,, तब माँ ने अपनी तीन और बेटियों को भी
 अपनी ममता की गोद में समेट लिया...! 
सारा परिवार इस अंजान रिश्ते की प्रेम पराकाष्ठा से सजल हो गया..! 
कथाकार इस दृश्य को कुछ देर और देखना चाहता था किन्तु अगले
 दृश्य भी आगे प्रतीक्षा में थे सो... 

[सभी को देर हो रही थी इसलिए शॉर्टकट टर्न लिया और तेजी से घर 
को चले, तभी दिव्या ने पुष्पा दी से कहा- दी जरा उस फ्लेट में देखिये गौर से..!
पुष्पा जी- किधर..!
दिव्या- अर्रे वो पांच फ्लेट एक साथ हैं ना साधना जी वाली रो में.. 
मुझे पता नहीं क्यूँ ऐसा लगता है वो हमारी रुचिका दीदी हैं... 
देखो सुधा दी..!
सुधा-रुचिका.. 🤔 ये नाम तो मैंने अभी कभी सुना है..!
दिव्या-अरे दी आपकी पोस्ट पर उन्होंने अपना नाम नहीं बताया था..? 
सुधा-हाँ रे.. मगर वो इस कालोनी में.. कैसे... कब... !
पुष्पा जी-अर्रे पगलू, दुनिया दिन ब दिन छोटी होते जा रही है. तू तो घर 
से निकलती नहीं है तुझे क्या पता... हो ना हो.. वो रुचिका जी ही हैं..!
राखी जी- अरे हाँ रे दिव्या... ये तो वही हैं heartless rj उर्फ़ रुचिका जी.. 
वाह वाह.. हम तो सब एक ही जगह आने लगे.. हेऐ... ईई रुचिका जी..
 look here..!

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी 
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माँ- बेटा आप सबको मेरा बहुत बहुत आशीर्वाद है.. 
पिता जी- हाँ बेटा आप सबने पहली बार में ही दिल में 
अपनी खास जगह बना ली है..अब आयेगा मानक की 
शादी में असली आनंद.. ! 
बड़ेभैया- आनंद नहीं पापा, परम आनंद..!

#रत्नाकर कालोनी पेज-10 माँ- बेटा आप सबको मेरा बहुत बहुत आशीर्वाद है.. पिता जी- हाँ बेटा आप सबने पहली बार में ही दिल में अपनी खास जगह बना ली है..अब आयेगा मानक की शादी में असली आनंद.. ! बड़ेभैया- आनंद नहीं पापा, परम आनंद..! #प्रेरक