"बहकते क़दम चल देते न जाने किस राह में,
मंजिल का न होता पता रास्ते भी ले जाते गुमराह में।
हवा ही कुछ ऐसी चलती जवानी के दौर में,
जंग छिड़ा करती है दिल और दिमाग में।
सपने अपने जिओ तुम लेकिन बिल्कुल होश में,
भूल न कर बैठना कोई जोश ही जोश में। #Poetry#AnjaliSinghal