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ना सावन की हरियाली,न होली दिवाली मनाया है, ना कोई

ना सावन की हरियाली,न होली दिवाली मनाया है,
ना कोई छुट्टी, ना कोई तीज तेव्हार घर आया है,
पूछती है अम्मा मेरी कब से, 
भूल गया क्या बेटा हमे या हो गया पराया है,
न चिट्ठी न कोई पत्री, 
बोल बेटा क्या बीमार माँ की लाश को कन्धा देने भी न आएगा|

कैसे कहूं माँ से मैं भी फर्ज निभा रहा हूँ,
मैं तो तेरा लाल हूँ पर कर्ज धरती माँ का चूका रहा हूँ,
ये वर्दी,ये सभी तमगे यूँही नहीं मिलते,
हम जगते है रातों को ,
और सर पर कफ़न बांधकर निकलते है,
ना हो उदास माँ मेरी, इन् आसुओं से मैं कमजोर होता हूँ ,
तेरे बेटे ने अपने लहू की एक-एक बूँद वतन के नाम  किया है,
ये जिंदगी हमने, वतन के नाम लिख दी है 
अब तो भारत माँ की गोद में चैन से सोना है,
मैं देश का सिपाही हूँ मुझे दुपहर की आग 
और रात के अंधेरों से डटकर लड़ना है,
मैं देश का सिपाही, मुझे हर मुसीबत का हिम्मत से सामना करना है,
मैं देश का सिपाही मुझे दिनरात चलना है |
sonamkuril मैं देश का सिपाही हूँ  #policeduty #POLICEMAN
ना सावन की हरियाली,न होली दिवाली मनाया है,
ना कोई छुट्टी, ना कोई तीज तेव्हार घर आया है,
पूछती है अम्मा मेरी कब से, 
भूल गया क्या बेटा हमे या हो गया पराया है,
न चिट्ठी न कोई पत्री, 
बोल बेटा क्या बीमार माँ की लाश को कन्धा देने भी न आएगा|

कैसे कहूं माँ से मैं भी फर्ज निभा रहा हूँ,
मैं तो तेरा लाल हूँ पर कर्ज धरती माँ का चूका रहा हूँ,
ये वर्दी,ये सभी तमगे यूँही नहीं मिलते,
हम जगते है रातों को ,
और सर पर कफ़न बांधकर निकलते है,
ना हो उदास माँ मेरी, इन् आसुओं से मैं कमजोर होता हूँ ,
तेरे बेटे ने अपने लहू की एक-एक बूँद वतन के नाम  किया है,
ये जिंदगी हमने, वतन के नाम लिख दी है 
अब तो भारत माँ की गोद में चैन से सोना है,
मैं देश का सिपाही हूँ मुझे दुपहर की आग 
और रात के अंधेरों से डटकर लड़ना है,
मैं देश का सिपाही, मुझे हर मुसीबत का हिम्मत से सामना करना है,
मैं देश का सिपाही मुझे दिनरात चलना है |
sonamkuril मैं देश का सिपाही हूँ  #policeduty #POLICEMAN
sonamkuril1938

Sonam kuril

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