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कुछ ख़्वाब सजे थे नयनों में कुछ ख्वाब नयन से दूर

कुछ ख़्वाब सजे थे नयनों में 
कुछ ख्वाब नयन से दूर हुए
रो भी नही सकता जी भरके
क्यूँ इतना हम मजबूर हुए । 
कुछ ख्वाब सजे थे.......... 9
एक पल तुम पास जो ठहर गए
पल भी ना ये ठहरा पास मेरे
दिल से इतना जो दर्द हुआ
ये दर्द मेरे हमदर्द हुए ।। 
कुछ ख़्वाब सजे थे...........

©Pandit Brajendra ( MONU )
  #patience