होठों पर हँसी देखा, मगर दिल पर चोट गहरा है, चेहरा खिलखिलाते देखा, मगर दिल पर घाव गहरा है। मर्यादाओ से बधें होकर संतुलित हर बार देखा है, छोड़कर उन्होंने इश्क का दामन, ताउम्र दर्द से सौदा कर लिया है। क्या करे "श्री" दर्दे बयाँ उनका, जिन्होंने खुद के कलम से ही, मानो सजाए मौत लिख लिया है। #yqdidi #yqbaba #shayari #हिन्दीकाव्यकोश #kavitawriting #hindisahitaya