चरण २
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गुजर रही है जिंदगी,कभी खुशी तो कभी गम में |
हर बार एक नया अरमान,जाग रहा है इस मन में |
सोचता हूं फिर उस अरमान को,कैसे पूरा होगा सवाल इस मन को |
रखता बगल में सवालों को,अरमान सामने रख प्राथमिकता प्रयत्नों को |
प्रयत्न असफल होते है कई बार,फिर दिल से उदास होता हूं |
बाद में फिर उदासी की छाया हटाकर,नए प्रयत्न में जुड़ जाता हूं |