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इंसान की आंखे बस देखती हैं सीधा इस वज्ह से कमियां

इंसान की आंखे बस देखती हैं सीधा 
इस वज्ह से कमियां खुद की नहीं दिखतीं
है दाग़ हजारों इसके दामन में खुद के
गर सर को झुकाता तो दिल में ही मिलतीं

©Qamar Abbas #selfevaluation
इंसान की आंखे बस देखती हैं सीधा 
इस वज्ह से कमियां खुद की नहीं दिखतीं
है दाग़ हजारों इसके दामन में खुद के
गर सर को झुकाता तो दिल में ही मिलतीं

©Qamar Abbas #selfevaluation
kaajukala1866

Qamar Abbas

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