इंसान की आंखे बस देखती हैं सीधा इस वज्ह से कमियां खुद की नहीं दिखतीं है दाग़ हजारों इसके दामन में खुद के गर सर को झुकाता तो दिल में ही मिलतीं ©Qamar Abbas #selfevaluation