दर्द से आज़ादी की बेहतर दहलीज़ नहीं, डरावनी है थोड़ी पर मौत बुरी चीज़ नहीं! धूल मिट्टी से हो सकता है ज़रदार दूर रहें पर, ज़मीन से बच जाये, कोई इतना भी रईस नहीं! शुतुरमुर्ग से रेत में सर छिपाये जीने वालों सुनो, ज़िंदा ज़रूर हो पर तुम्हें जीने की तमीज़ नहीं! के तुम्हारे आनेवाले कल के इंतेज़ाम हैं बेहतरीन, पर जीते तो वही हैं जिन्हें ज़िंदगी अज़ीज़ नहीं! ©Shubhro K #Death #Wealth💰