रौशनी से जगमगाते तो उनके घर हैं जिनके घर में "तुम" रहती हो , मेरा घर तो वर्षों से "तुम बिन" वीरान अंधेरों से भरा पड़ा है । मेरे लिए क्या दीवाली, क्या दशहरा ? मेरी Lifeline ❤️, Gulabo #ankit_srivastava_thoughts #diwali #yqhindi #heartbroken #हिंदी_साहित्य