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उत्साह से हमने भी उसे पाया है उसकी मुस्कान की जिक्

उत्साह से हमने भी उसे पाया है
उसकी मुस्कान की जिक्र  में खुद को पाया है
भोली सी सूरत , शहद सी मधुरी आवाज है
रीत बस इतनी सी है कि वह मुझे से बहुत दूर है

दूर भी इतना , जितना कि नयन भी चार न हो सकेंगे
खनक उनकी पायल की कभी सुन नहीं पाएंगे
रूतबा है उनके स्वच्छंद गगन में होने का.....
इसी जीत के साथ , हम भी उनकी यादों में बिखरे मिलेंगे

©Dev Rishi
  #Yaari
devrishidevta6297

Dev Rishi

Bronze Star
New Creator
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#Yaari #SAD

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