#Janamashtmi2020 यूंही भटकते भटकते गुज़र ना जाए ये वक्त सारा
कसम तुम्हारी यकीन कर लो बिन तुम्हारे अब ना होगा गुज़ारा
हर पल गुजरता सदियों के जैसा नाम ले ले कर के तुम्हारा
जब तक ना देखें तस्वीर तेरी कहीं भी लगता ना अब दिल हमारा
तेरी गली से हम जब भी गुजरें आंखों से बरसे अंसुओं धारा
इतना यकीं तुम हमारा भी कर लो तुम्हारे सिवा नही कोई अपना सहारा
नाम ले ले के जी लें तन्हा उमर भर जो श्याम तू ना हुआ हमारा
के लिखने लगा जबसे तेरी कृपा को "पंडित" की जीवन में मेरे हुआ उजाला #Poetry#शायरी#गोपाल_पंडित#gopal_pandit#dear_ज़िंदगी#बेवफ़ा_ज़िंदगी