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Life Like सूनी हैं झाड़ियां, दम भरती रफ्तार गाड़ि

Life Like सूनी हैं झाड़ियां, 
दम भरती रफ्तार गाड़ियां,,
कैसा बदल गया ज़माना, 
खूंटी पर टंग गई हैं साड़ियां। ।
बिन वक़्त टूट रही चूड़ियां, 
सरेआम कट रही हैं मूड़ियाॅ ,
बुलंद हैं हौसले मक्कार के, 
हवा में लहर रही हैं छूड़ियाॅ ।।
बढ़ रही हैं दूरियाँ, 
डस रही मजबूरियां,,
पैर पसारे अभद्रता, 
संकट में नस्ल भर रही जी हुजूरियाॅ।।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #Aaj_Ke_Halat