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रचना दिनांक 27 मार्च 2025 वार गुरुवार समय सुबह प

रचना दिनांक 27  मार्च 2025
वार गुरुवार 
समय सुबह पांच बजे
 ्भावचित्र ्
                   ्निज विचार ्
                        ् शीर्षक ्
                      दिल से दिल में एक स्वर
                       पुकार नाद प्रेम ही सत्य है,,
                         जलना और जलाना सीखो
                          जो मजा जल ही जीवन में है
                           वो निश्चल भाव से काम
                              करना ही सुन्दर छबि को
                       ही सुन्दर छबि से परखना ही
                              सत्य मेव जयते है््््

जलाते हैं सब कुछ मगर ख्याल रखना,
कही घर के चिराग से घर चले,,
 और घर के चुल्हे जले और
साथ में दिलो से खुशी का कांरवा बने।1।
यही सही मौका है चैतीय नवरात्रि पर्व 
हर्षोल्लास से मनाया जाय,
और अपने मकसद सम्बोधन में,, 
सभी धर्मों के लोग में नवरात्र में मां शब्द में ,
मादरे ऐ वतन पर।2।
 चैतीय चंण्ड वरुणदेव नवरात्र संग सर्व धर्म,, 
समभाव निष्ठ सबमें मेरा भारत महान है।3। 
रमजान ईद‌ के तहत त्योहार पर संयम और अनुशासन में
 रहना ही बेहतर समझ का,
 दिल से दिल में खुशहाली और वतन पर ,
जिंदगी के दीप जलाकर चलो ।4।
पगडंडियों पर रास्ता खुद बखुद साफ कर,,
 शीतल जल जीवन गर्मी में मन शीतल होय।5।
 सिर्फ किसी एक के बस की बात कही है,,
प्रृथ्वी जल वायु अग्नि प्रकाश से प्रकृति से प्रेम करते है,
 तो देश दुनिया सुनती देखती है।6।
यही देश के दिल से दिल का,
 रिश्ता क्या कहलाता है।7।
मैं मेरा साथ नहीं रहा, जब सांस उखड़ने
 पर जो साथ नहीं रहा ,,
वो दस्तक दे गया जो काल बनकर भी,,
 हलख में जल भरकर रख गया।8।
ना मालूम जिसे जलाना था ,
वो लफ्जो से दफ़न हो गया ,,
बचा था ही क्या था,
 जो जलाकर चला गया।9।
       ् कवि शैलेंद्र आनंद ्

©Shailendra Anand  मोटिवेशनल स्टेटस हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स Extraterrestrial life Entrance examination
        कवि शैलेंद्र आनंद
रचना दिनांक 27  मार्च 2025
वार गुरुवार 
समय सुबह पांच बजे
 ्भावचित्र ्
                   ्निज विचार ्
                        ् शीर्षक ्
                      दिल से दिल में एक स्वर
                       पुकार नाद प्रेम ही सत्य है,,
                         जलना और जलाना सीखो
                          जो मजा जल ही जीवन में है
                           वो निश्चल भाव से काम
                              करना ही सुन्दर छबि को
                       ही सुन्दर छबि से परखना ही
                              सत्य मेव जयते है््््

जलाते हैं सब कुछ मगर ख्याल रखना,
कही घर के चिराग से घर चले,,
 और घर के चुल्हे जले और
साथ में दिलो से खुशी का कांरवा बने।1।
यही सही मौका है चैतीय नवरात्रि पर्व 
हर्षोल्लास से मनाया जाय,
और अपने मकसद सम्बोधन में,, 
सभी धर्मों के लोग में नवरात्र में मां शब्द में ,
मादरे ऐ वतन पर।2।
 चैतीय चंण्ड वरुणदेव नवरात्र संग सर्व धर्म,, 
समभाव निष्ठ सबमें मेरा भारत महान है।3। 
रमजान ईद‌ के तहत त्योहार पर संयम और अनुशासन में
 रहना ही बेहतर समझ का,
 दिल से दिल में खुशहाली और वतन पर ,
जिंदगी के दीप जलाकर चलो ।4।
पगडंडियों पर रास्ता खुद बखुद साफ कर,,
 शीतल जल जीवन गर्मी में मन शीतल होय।5।
 सिर्फ किसी एक के बस की बात कही है,,
प्रृथ्वी जल वायु अग्नि प्रकाश से प्रकृति से प्रेम करते है,
 तो देश दुनिया सुनती देखती है।6।
यही देश के दिल से दिल का,
 रिश्ता क्या कहलाता है।7।
मैं मेरा साथ नहीं रहा, जब सांस उखड़ने
 पर जो साथ नहीं रहा ,,
वो दस्तक दे गया जो काल बनकर भी,,
 हलख में जल भरकर रख गया।8।
ना मालूम जिसे जलाना था ,
वो लफ्जो से दफ़न हो गया ,,
बचा था ही क्या था,
 जो जलाकर चला गया।9।
       ् कवि शैलेंद्र आनंद ्

©Shailendra Anand  मोटिवेशनल स्टेटस हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स Extraterrestrial life Entrance examination
        कवि शैलेंद्र आनंद