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*कुसुम किसलय कुञ्ज कोकिल,* *कूकते है फ़ाग में।* *तन

*कुसुम किसलय कुञ्ज कोकिल,*
*कूकते है फ़ाग में।*
*तन और मन भीगे हुए हैं,*
*प्रेम और अनुराग में।।*
*तन प्रफुल्लित मन प्रफुल्लित,*
*नित नए उत्सर्ग में।*
*ईश् अनुकम्पा बिखेरे,*
*होलिका के पर्व में।।*


-आदरणीय श्री जयशंकर "प्रसाद"

*आप को सपरिवार रंगपर्व होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।* #NojotoQuote
*कुसुम किसलय कुञ्ज कोकिल,*
*कूकते है फ़ाग में।*
*तन और मन भीगे हुए हैं,*
*प्रेम और अनुराग में।।*
*तन प्रफुल्लित मन प्रफुल्लित,*
*नित नए उत्सर्ग में।*
*ईश् अनुकम्पा बिखेरे,*
*होलिका के पर्व में।।*


-आदरणीय श्री जयशंकर "प्रसाद"

*आप को सपरिवार रंगपर्व होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।* #NojotoQuote