#OpenPoetry तुझे छिप छिप के यूं तकना तेरी ही ख्वाहिशें करना ।
तुझे दिल से लगा कर दर्द आंखो में छिपा लेना ।
तेरी ख्वाहिश मे मुस्काना सितम सब हसके सह जाना।
तेरी ही राह बस तकना हां मेरी ही कमजोरी थी।
तुझे सांसो की राहों से छुपाकर रूह म रखना ।
चुभे अल्फ़ाज़ दिल में गर यू पलकों में छिपा लेना ।
झरोखों खिड़कियों की राह में पलके बिछा देना ।
तुझे महसूस कर के मुस्कुराना ही मजबूरी थी।