ऐ वादी शहज़ादी कैसी हो हैं ख़ामोश जादू निगाहें तुम्हारी हक़ीकत में देखा फंसाने में देखा न तुम सा हंसी इस ज़माने देखा न दुनिया की रंगीन महफिल में पाया जो पाया तुमको एक ऐसी मसर्रत हो तुम... बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम... #वियोगी का विलाप #फीलिंग्स