किंवाड़ की आड़ हटा के देखो, सर्द मौसम है बाहर, चादर निकाल रखनी पड़ेगी ! ज़हरीली हवा है चारों ओर, बड़े पापों के हिसाब देने हैं सबको, सांसों की हार बेकसूरों को भी सहनी पड़ेगी ! अभी कुछ और वक़्त है, इस लड़ाई को ख़त्म होने में, ना जाने कितने और.. सब्र के बाद गर्मी पड़ेगी ! सबने अदा की हैं अपनी अपनी जिम्मेदारियां, अपनों को बचाने में .... बहुतों को अनजानों की मदद करनी पड़ेगी ! ना कोई और जाए दुनिया छोड़, इस बीमारी से .... सभी को थोड़ी और दुआ करनी पड़ेगी ! . . किंवाड़ की आड़ हटा के देखो, सर्द मौसम है बाहर, फ़िलहाल तो .... चादर निकाल रखनी पड़ेगी ! ~ प्रवीण कुमार Corona safety. #pandemic #coronapoetry #Life #Death #Care #corona #Corona_Lockdown_Rush #Corona😷