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जिस्म की जिस्मानियत तो नज़र आती है, मग़र रूह क

जिस्म की जिस्मानियत  तो नज़र आती है,
मग़र  रूह   की  रूहानियत  दिखती  नहीं,
इन्सान की  परछाई  तो नज़र आ जाती है,
मग़र इन्सान  की इन्सानियत दिखती नहीं।

रूह के सच, सूक्ष्मता,स्थिरता से कहीं दूर हैं,
खो गई है  इसकी अहमियत बहुत दूर कहीं,
रूह को  मार कर  ज़िन्दा तो  नज़र आते हैं,
मग़र ज़िन्दा इन्सान में ज़िन्दगी दिखती नहीं।  #रूह - आत्मा 
रूह क्या है सही मायने में?
बताएं अपने रूह से
समय सीमा: 12pm 29March
_________
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#collabtalk #YourQuoteAndMine
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जिस्म की जिस्मानियत  तो नज़र आती है,
मग़र  रूह   की  रूहानियत  दिखती  नहीं,
इन्सान की  परछाई  तो नज़र आ जाती है,
मग़र इन्सान  की इन्सानियत दिखती नहीं।

रूह के सच, सूक्ष्मता,स्थिरता से कहीं दूर हैं,
खो गई है  इसकी अहमियत बहुत दूर कहीं,
रूह को  मार कर  ज़िन्दा तो  नज़र आते हैं,
मग़र ज़िन्दा इन्सान में ज़िन्दगी दिखती नहीं।  #रूह - आत्मा 
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juhigrover8717

Juhi Grover

New Creator

#रूह - आत्मा रूह क्या है सही मायने में? बताएं अपने रूह से समय सीमा: 12pm 29March _________ बेहतरीन रचनाओं को पढ़ने के लिए फॉलो करें #collabtalk #YourQuoteAndMine Collaborating with Collab Talk