हो गये हम खोखले है
कर दिये इस बुढ़ापे में ,पस्त इतने हौंसले है
ऐसा लगता हम हमारी , शख्सियत ही खो चले है
पीर दिल की छुपाने को ,हंसी हँसते खोखली है ,
सच मगर ये, दर असल में ,हो गये हम खोखले है
अपनों की रुसवाइयाँ है ,काटती तन्हाईयाँ है ,
कभी रौनक थी जहाँ पर ,पड़े सूने घोसले है #Zindagi#Hindi#old#oldage#mankibaat