मेरे पैदा होने से पहले, मेरे ही सपने देखती, अन्जाने बच्चों के चेहरों में मुझे ही तलाशती, मेरे लिए रातों में जागती मुझे सुलाकर सोती, मेरे ही चेहरे को देख सुबह और रात ही होती। मेरे सोने के बाद भी बार बार उठ के जागती, मेरे पहली बार स्कूल जाने पर फिक्र जताती, मेरी ही अभिलाषाओं के वो ख़्वाब ही बुनती, मुझे खाता देख कर अपनी भूख भूल जाती। हर पहलू में हमेशा मेरा हाथ पकड़ साथ देती, मेरी शादी कर घर के चिराग की आस लगाती, या फिर किसी से शादी कर ससुराल हीभेजती, हर समय बिना किसी ज़रूरत के मुझे चाहती। अपनी चाहतें छोड़ मेरी चाहत को पूरा करती, ऐसी मेरी माँ, मेरी हर मुसीबत अपने सर लेती। विजेताओ का चयन कल शाम 4 बजे किया जाएगा। मित्रो, आज का शब्द है "मेरी माँ" Collab करें #writerskiduniya #wkd1 #collab #collaboration #challenge #YourQuoteAndMine