" तेरे फासलों का सफर क्या खूब रहा है , गुजरती हुई शाम की तन्हाई में अक्सर तुझे याद करना कुछ अच्छा लगता है , जिक्र करें की ना करें अब ये गूनजाइस तेरे बात पे ठहरी , अपने तरफ से जो तु इसे नाम दे दे. " --- रबिन्द्र राम Pic : Google pic तेरे फासलों का सफर क्या खूब रहा है , गुजरती हुई शाम की तन्हाई में अक्सर तुझे याद करना कुछ अच्छा लगता है , जिक्र करें की ना करें अब ये गूनजाइस तेरे बात पे ठहरी , अपने तरफ से जो तु इसे नाम दे दे. " --- रबिन्द्र राम