अजीब है दुनिया, यहाँ अजीबोगरीब लोग मिल जाते हैं, यहाँ के बाजारों में, हर चीज खरीदे और बेचे जाते हैं। कोई अपने पेट की भूख, मिटाने को जिस्म बेचता है, कोई जिस्म की भूख शांत करने को, हद से गुज़र जाते हैं। माना पेट की भूख शांत करना, मजबूरी है इंसान का, पर जिस्म की भूख शांत करने को, हैवानियत दिखाते हैं। " साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता " (Post 14) सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार" 🎀 आप सभी से मेरा निवेदन है शीर्षक को ध्यान में रखते हुए अपनी बहुमूल्य रचनाएं लिखे ।