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ये ठंडी -ठंडी हवाएं, ये कातिल अदाएं। ये वादियां, य

ये ठंडी -ठंडी हवाएं,
ये कातिल अदाएं।
ये वादियां,
ये फिजाएं।
ये ठंडी -ठंडी हवाएं।।
दिल को मेरे तड़फाए,
एकेले अब तो रहा न जाए।
ये तकती निगाहें,
दिल भरता है ठंडी आहें।
ये ठंडी- ठंडी हवाएं।।
ये चांदनी रातें,
किससे करूं इश्क की बातें।
इस बेदर्द जमाने में
जवानी संभाली न जाए,
जोबन पर रहती है
सबकी गलत निगाहें।
ये ठंडी -ठंडी हवाएं।।
यहां सारे हैं हवस  के भेड़िए, 
स्वयं को स्वयं से कैसे बचाएं।
किस- किस पर विश्वास जताएं,
दिल की बात किसे सुनाएं।
ये ठंडी- ठंडी हवाएं।।
ये ठंडी ठंडी-हवाएं ।।
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©Shishpal Chauhan
  #ये ठंडी-ठंडी हवाएं

#ये ठंडी-ठंडी हवाएं #कविता

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